आधुनिक भारत का इतिहास (History of Modern India) - गवर्नर जनरल / वायसराय (Governor General & Viceroy of India)

 आधुनिक भारत का इतिहास (History of Modern India) - गवर्नर जनरल / वायसराय (Governor General & Viceroy of India)

आधुनिक भारत का इतिहास (History of Modern India) - गवर्नर जनरल  वायसराय (Governor General & Viceroy of India)
आधुनिक भारत का इतिहास (History of Modern India) - गवर्नर जनरल  वायसराय (Governor General & Viceroy of India)



भारतीय इतिहास – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु संपूर्ण अध्ययन सामग्री

भारत में ब्रिटिश शासन की प्रशासनिक व्यवस्था को समझने के लिए गवर्नर जनरल और वायसराय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह विषय UPSC, RPSC, राजस्थान पुलिस SI, पटवारी, SSC, REET जैसी परीक्षाओं में बार-बार पूछा जाता है। यह लेख Google Discover friendly, सुव्यवस्थित हेडिंग्स, बुलेट पॉइंट्स और परीक्षा-उपयोगी तथ्यों के साथ तैयार किया गया है।


गवर्नर जनरल का पद – परिचय

भारत में ब्रिटिश कंपनी के आगमन के साथ ही गवर्नर अथवा गवर्नर जनरल का पद अस्तित्व में आया।

  • गवर्नर जनरल ब्रिटिश भारत का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता था।
  • यह पद प्रारंभ में केवल अंग्रेज़ों के लिए आरक्षित था।
  • 1858 ई. तक गवर्नर जनरल की नियुक्ति British East India Company के निदेशक करते थे।
  • 1858 ई. के बाद भारत शासन ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गया और गवर्नर जनरल को वायसराय कहा जाने लगा।
  • यह व्यवस्था भारत की स्वतंत्रता (1947) तक जारी रही।


बंगाल के प्रारंभिक गवर्नर

रॉबर्ट क्लाइव (1757–60, 1765–67)

  • 1757 ई. में बंगाल का गवर्नर नियुक्त।
  • 1765 ई. में इलाहाबाद की संधि द्वारा बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना।
  • कंपनी कर्मचारियों द्वारा उपहार लेने पर रोक।

वेंसिटार्ट (1760–65)

  • इसके समय बक्सर का युद्ध (1764) हुआ।

जॉन कर्टियर (1769–72)

  • 1770 ई. का भीषण बंगाल अकाल इसी के समय पड़ा।


बंगाल का गवर्नर जनरल (1773 के बाद)

1773 ई. के रेग्युलेटिंग एक्ट के अनुसार बंगाल का गवर्नर अब अंग्रेज़ी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल कहलाया।

Warren Hastings (1772–1785)

  • द्वैध शासन की समाप्ति।
  • 1774 में कलकत्ता में उच्चतम न्यायालय की स्थापना।
  • एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना (1784)।
  • भारत का पहला समाचार पत्र द बंगाल गजट
  • प्रथम आंग्ल-मराठा एवं द्वितीय आंग्ल-मैसूर युद्ध।


प्रशासनिक सुधारों का युग

लॉर्ड कॉर्नवालिस (1786–93)

  • स्थायी बंदोबस्त (1793)।
  • पुलिस व न्यायिक सुधार – “पुलिस सेवा का जनक”।
  • भारतीय सिविल सेवा का जनक।

लॉर्ड वेलेजली (1798–1805)

  • सहायक संधि प्रणाली का जनक।
  • फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना।


सामाजिक सुधारों का युग

लॉर्ड विलियम बैंटिक (1828–33)

  • सती प्रथा का उन्मूलन (1829)।
  • ठगी प्रथा एवं नरबलि पर रोक।
  • 1833 के चार्टर एक्ट के बाद भारत का प्रथम गवर्नर जनरल


विस्तारवादी नीति और आधुनिक भारत

Lord Dalhousie (1848–56)

  • व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of Lapse)।
  • रेलवे, डाक, तार सेवा की शुरुआत।
  • PWD की स्थापना, शिक्षा सुधार (वुड डिस्पैच)।
  • “आधुनिक भारत का निर्माता”।


अंतिम गवर्नर जनरल और प्रथम वायसराय

लॉर्ड कैनिंग (1856–58)

  • 1857 का विद्रोह।
  • अंतिम गवर्नर जनरल एवं प्रथम वायसराय।


भारत के वायसराय (1858–1947)

लॉर्ड रिपन (1880–84)

  • स्थानीय स्वशासन की शुरुआत।
  • वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट समाप्त।

लॉर्ड कर्जन (1899–1905)

  • बंगाल विभाजन (1905)।
  • विश्वविद्यालय, पुलिस, सिंचाई आयोग।

Lord Mountbatten (1947–48)

  • ब्रिटिश भारत का अंतिम वायसराय।
  • भारत-पाकिस्तान विभाजन।

नोट: स्वतंत्र भारत के प्रथम एवं अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल – चक्रवर्ती राजगोपालाचारी


परीक्षा के लिए याद रखने योग्य बिंदु

  • प्रथम गवर्नर जनरल (बंगाल): वॉरेन हेस्टिंग्स
  • भारत का प्रथम गवर्नर जनरल: लॉर्ड विलियम बैंटिक
  • व्यपगत सिद्धांत: लॉर्ड डलहौजी
  • अंतिम वायसराय: लॉर्ड माउंटबेटन



गवर्नर जनरल और वायसरायों का इतिहास केवल प्रशासनिक बदलाव नहीं बल्कि आधुनिक भारत की नींव को समझने की कुंजी है। यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो यह विषय स्कोर-बूस्टर सिद्ध हो सकता है।

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