Rajasthan Police SI 2026 - पर्यावरणीय व परिस्थितिकी , World Geography के लिए विस्तृत नोट्स
1. पर्यावरण एवं पर्यावरण भूगोल — परिभाषा
‘Environment’ शब्द फ्रेंच शब्द Environ से बना है जिसका अर्थ है "आसपास का आवरण"। हिंदी में पर्यावरण (परि + आवरण) का मतलब है — हमारे चारों तरफ उपस्थित प्राकृतिक और मानवीय तत्वों का समूह।
पर्यावरण में शामिल प्रमुख तत्त्व — वायु, जल, मिट्टी, पेड़-पौधे, जीव-जंतु और मानव गतिविधियाँ।
2. पर्यावरण के घटक (Components)
जैविक पर्यावरण (Biotic)
वनस्पति और जंतु — ये जीवित घटक हैं जो पारिस्थितिकी तंत्र में खाद्य श्रृंखला और ऊर्जा प्रवाह के लिए आवश्यक हैं।
भौतिक/अजैविक पर्यावरण (Abiotic)
भूमि, वायु और जल — ये निर्जीव तत्त्व जीवन के लिए मूलभूत आधार प्रदान करते हैं।
3. जीवमंडल (Biosphere)
जीवमंडल वह क्षेत्र है जहाँ पृथ्वी पर जीवन संभव है — यह वायुमंडल, जलमंडल और स्थलमंडल का संयुक्त रूप है। यह पृथ्वी का सबसे बड़ा पारिस्थितिक तंत्र है और सभी जीवों को पोषण प्रदान करता है।
4. पर्यावरण भूगोल के उद्देश्य
- मानव और पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों का अध्ययन।
- भौतिक व जैविक प्रक्रियाओं के बीच संतुलन को समझना।
- प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और उपयोग।
- पर्यावरणीय समस्याओं का विश्लेषण एवं समाधान।
5. पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem)
सी.सी. पार्क के अनुसार, पारिस्थितिकी तंत्र किसी निर्दिष्ट क्षेत्र के सभी जीवित और निर्जीव घटकों का सहभागिता-युक्त समूह है। यह एक गतिशील, खुला व क्रियाशील तंत्र है।
पारितंत्र के स्तर
व्यक्ति (Individual) → जनसंख्या (Population) → समुदाय (Community) → पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) → जीवोम (Biome) → जीवमंडल (Biosphere)
जैविक घटक (Biotic Components)
स्वपोषी (Producers): हरे पौधे, शैवाल — प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन बनाते हैं।
परपोषी (Consumers): प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक उपभोक्ता।
अपघटक (Decomposers): जीवाणु और कवक — मृत जैविक पदार्थों का विघटन कर खनिजों का पुनर्चक्रण करते हैं।
पारिस्थितिक पिरामिड
चार्ल्स एटन (1927) द्वारा प्रस्तावित — यह खाद्य श्रृंखला में संख्या, जीवभार और ऊर्जा के वितरण को दर्शाता है। पिरामिड का आधार हमेशा प्राथमिक उत्पादकों से होता है और शीर्ष पर उपभोक्ता होते हैं।
6. पर्यावरण प्रदूषण (Environmental Pollution)
पर्यावरण के भौतिक, रासायनिक या जैविक गुणों में ऐसा परिवर्तन जो मानव और अन्य जीवों को क्षति पहुँचाए — प्रदूषण कहा जाता है।
प्रदूषण के प्रकार
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- मृदा प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- रेडियोधर्मी प्रदूषण
- तापीय प्रदूषण
वायु प्रदूषण
वायुमंडल की मुख्य गैसें: नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (21%), आर्गन (0.93%), CO₂ (0.03%). स्रोतों में प्राकृतिक (ज्वालामुखी, धूल) और मानवीय (वाहन, उद्योग) शामिल हैं। नियंत्रण के उपाय: वृक्षारोपण, वाहन नियम, उद्योगों का नियमन और वायु (प्रदूषण निवारण) अधिनियम का पालन।
मृदा प्रदूषण
कीटनाशक, रासायनिक उर्वरक, औद्योगिक कचरा और नगरिक अपशिष्ट मृदा प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (2015) — आरंभ: सूरतगढ़, राजस्थान; ध्येय: "स्वस्थ धरा–खेत हरा"; हर 3 वर्षों में मिट्टी की रिपोर्ट किसान को दी जाती है।
जल प्रदूषण
घरेलू और औद्योगिक बहिःस्राव, कृषि अपशिष्ट, तेल का रिसाव और तापीय प्रदूषण जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं।
यूट्रोफिकेशन — पोषक तत्वों की अधिकता से शैवाल वृद्धि और ऑक्सीजन की कमी; इसका नियंत्रण सीवेज ट्रीटमेंट और जैविक खेती से होता है। भारत में नमामी गंगे (2016) एक प्रमुख परियोजना है।
ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि की तीव्रता डेसीबल (dB) में मापी जाती है। साइलेंट जोन में 45 dB से कम ध्वनि होनी चाहिए। ग्रीन मफलर — अशोक और नीम जैसी कतारें शोर को कम करने में सहायक हैं।
रेडियोधर्मी प्रदूषण
परिणामों में कैंसर, जैविक क्षति और खाद्य श्रृंखला का प्रदूषण शामिल है। नियंत्रण के लिए परमाणु परीक्षणों पर रोक आवश्यक है।
7. पर्यावरणीय मुद्दे एवं संरक्षण
मरुस्थलीकरण (Desertification)
मरुस्थलीकरण का अर्थ है भूमि का बंजर होना—अधिक चराई, भूजल का अत्यधिक दोहन, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन इसके मुख्य कारण हैं। राजस्थान के कुछ इलाके (जैसे जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर) विशेष रूप से प्रभावित हैं।
निवारण: रेत स्थिरीकरण, जल प्रबंधन, पौधरोपण, टपक सिंचाई और मेघ बीजन जैसी तकनीकें उपयोगी हैं।
वन संरक्षण
वनों का महत्व: जल और मृदा संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण, जलवायु संतुलन।
REDD+ — वनों की कटाई रोकने के लिए परिणाम-आधारित भुगतान; सामाजिक वानिकी — समुदाय-आधारित वन-प्रबंधन।
8. सतत विकास लक्ष्य (SDG)
संयुक्त राष्ट्र ने 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है — जिनमें गरीबी उन्मूलन, स्वच्छ जल, क्लाइमेट एक्शन, जीवन-जल और जीवन-स्थल जैसी प्राथमिकताएँ शामिल हैं।
निष्कर्ष
पर्यावरण मानव जीवन का आधार है। प्रदूषण, वन कटाई और जल संकट जैसी समस्याओं से निपटने के लिए कानूनी प्रावधान, वैज्ञानिक उपाय और समाजिक जागरूकता अनिवार्य हैं। राजस्थान SI परीक्षा के लिए यह विषय मुख्य रूप से महत्वपूर्ण है—प्रश्नों के लिए प्रमुख तथ्यों को याद रखें जैसे: Environ की व्युत्पत्ति, पारिस्थितिकी के स्तर, प्रदूषण के प्रकार और प्रमुख योजनाएँ (मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नमामी गंगे, REDD+)।
- ‘Environment’ शब्द की व्युत्पत्ति लिखिए।
- पारितंत्र के स्तर लिखिए और संक्षेप में समझाइए।
- यूट्रोफिकेशन क्या है और यह जल प्रदूषण के किस प्रकार से संबंधित है?
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का उद्देश्य क्या है? (आरंभ वर्ष व स्थान याद रखें)
- REDD+ का पूर्ण रूप क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
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